दिमाग हिलाने वाले दुनिया से जुड़े अजब – गजब रोचक तथ्य
विद्युत करैन्ट घातक क्यों होता है ?
विद्युत का खुली तार यदि हमारे शरीर के किसी भी अंग को छू जाए तो हमें तुरन्त तेज झटका लगता है। इससे इंसान की मृत्यु भी हो सकती है। दरअसल विद्युत धारा की तुलना में हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है। जिससे विद्युत धारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती है और ऐसी स्थिति में मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। हदय की गति अनियमित हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। साथ ही ऊतक, नाड़ियाँ एवम् मांसपेशियाँ गर्म हो जाती है। ये विद्युत धारा शरीर से होकर भूमि में प्रवेश करती रहती है। गीला शरीर सूखे शरीर की अपेक्षा अधिक सुचालक होता है। इसीलिए गीले शरीर पर करेंट लगने की संभावना अधिक रहती है। अपने विद्युत कर्मियों को रबर के दस्ताने पहने और लकड़ी की सीढ़ियों पर चढ़े जरूर देखा होगा। यह दोनों चीजें यानी रबर व लकड़ी विद्युत के कुचालक है जिसे करेंट नहीं लगता।
तालाब में पानी जमने के बाद भी जीव जन्तु जीवित रहते हैं , ऐसा क्यों ?
समुद्र या तालाब में पानी जमने के बाद भी समुद्री जीव मछली इत्यादि जीवित रहती हैं। इसका कारण यह है कि पानी का घनत्व 4 डिग्री से. ग्रे पर सबसे अधिक होता है इसलिए 4 डिग्री से. ग्रे का पानी सबसे नीचे की सतह पर चला जाता है । इससे कम तापमान का पानी क्रमशः ऊपर की परतों में रहता है। यह क्रस घटते क्रम पर रहता है। मसलन जैसे – जैसे तापमान में कमी होती जाती है, वैसे – वैसे पानी ठण्डा होता जाता है। जब सबसे ऊपर की परत का तापमान शून्य डिग्री से. ग्रे हो जाता हैं तो बर्फ जम जाती है। परन्तु यह केवल ऊपरी परत ही होती है। बर्फ ऊष्मा की कुचालक है। इसीलिए नीचे के पानी की ऊष्मा बाहर नहीं जा पाती। यही कारण है कि सतह पर बर्फ जम जाने के बाद भी समुदी जीव नीचे की परतों में सुरक्षित रहते हैं।
ऊनी कपड़ों के रन्धों में गर्द एकत्र हो जाने पर गर्द को दूर करने के लिए कपड़ों को छड़ी से पीटा जाता है , क्यों ?
ऊनी कपड़ों के रन्थों में गर्द एकत्र हो जाने पर गर्द को दूर करने के लिए कपड़ों को छड़ी से इसलिए पीटा जाता है ताकि छड़ी के मार से कपड़ा गतिशील हो जाए और धूल के कण विराम – जड़त्व के कारण अपनी विरामावस्था में ही बने रहकर कपड़े से अलग हो जाए। यही कारण है कि गर्द का सम्पर्क कपड़े से टूट जाता है।
भैंस पानी में रहना अधिक पसन्द करती है, ऐसा क्यों ?
गर्मी के दिनों में भैंस दिनभर तालाब में बैठे रहना अधिक पसन्द करती है। दरअसल उसकी काली त्वचा ऊष्मा विकिरण के अधिकांश भाग को सोख लेती है और बहुत कम भाग को परावर्तित करती है। जिससे उसे गर्मी भी अधिक लगती है। यही कारण कि भैंस पानी में रहना अधिक पसन्द करती हैं।
यदि कोई मनुष्य गाड़ी में असावधानी से बैठा हो और गाड़ी अचानक ही चल दे तो मनुष्य पीछे की ओर गिर पड़ता है, क्यों और कैसे ?
इसका कारण यह है कि शरीर का निचला भाग गाड़ी के साथ आगे की ओर चलता है परन्तु विराम जड़त्व के कारण शरीर का ऊपरी भाग विरामावस्था में ही रहने का प्रयत्न करता है। इसीलिए कोई मनुष्य गाड़ी में असावधानी से बैठा हो और गाड़ी अचानक ही चल पड़े तो मनुष्य पीछे की ओर गिर पड़ता है।