Akbar birbal stories hindi | अकबर बीरबल स्टोरीज हिंदी
जितनी लम्बी चादर उतने पैर पसारो – अकबर बीरबल स्टोरीज हिंदी
बादशाह अकबर के दरबारियों को अक्सर यह शिकायत रहती थी कि बादशाह अकबर हमेशा बीरबल को ही होशियार बताते हैं औरों को नहीं। एक दिन बादशाह अकबर ने अपने सभी दरबारियों को दरबार में बुलाया और दो हाथ लम्बी तथा दो हाथ चौड़ी चादर देते हुए कहा इस चादर से तुम लोग मुझे सर से लेकर पैर तक ढक दो तो मैं तुम्हें भी होशियार मान लूंगा। akbar birbal stories hindi
सभी दरबारियों ने कोशिश की किंतु उस चादर से बादशाह को पूरा न ढंक सके, सिर छिपाते तो पैर निकल आते, पैर छिपाते तो सिर चादर से बाहर आ जाता। आड़ा – तिरछा, लम्बा – चौड़ा हर तरह से सभी ने कोशिश की किंतु सफल न हो सके। akbar birbal stories hindi
अब बादशाह ने बीरबल को बुलवाया और वही चादर देते हुए ढंकने को कहा। जब बादशाह लेटे तो बीरबल ने बादशाह के फैले हुए लम्बे पैरों को सिकोड़ लेने को कहा। बादशाह ने पैर सिकोड़े और बीरबल ने सिर से पांव तक चादर से ढंक दिया। अन्य दरबारी आश्चर्य से बीरबल की ओर देख रहे। तब बीरबल ने कहा जितनी लम्बी चादर उतने ही पैर पसारो।
Ab To Aan Padi hai |
Best 2 akbar birbal stories hindi
अब तो आन पड़ी है
बादशाह अकबर को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा आज से तुम लोगों को महल की पहरेदारी करनी पड़ेगी। यह सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उनकी हिम्मत बड़ाई और कहा तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला – चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है। उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले है। सेठों का यह निराला अंदाज देखकर बादशाह पहले तो हंसे, फिर बोले यह सब क्या है सेठों?
तब सेठों के मुखिया ने कहा जहांपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदारी क्या कर पाएंगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते बादशाह अकबर को बीरबल की चाल समझ गए और बादशाह अकबर ने अपना हुक्म वापस ले लिया। akbar birbal stories hindi