Did you know science facts | दीद यू क्नोव साइंस फैक्ट्स
150 Best did you know science facts
1 मजेदार रोचक तथ्य:- धूप में कुछ देर बैठने के बाद आलस क्यों आने लगता है?
सर्दी में सूर्य की गरमाहट वैसे बहुत आरामदेह होती है विशेषकर सर्दियों में खाना खाने के बाद हर कोई धूप में थोड़ी देर लेटना व आराम करना चाहता है। वैसे खाने के बाद खून को खाना पचाने के काम में लगा दिया जाता है और दिमाग को भेजे जाने वाला रक्त भी इस काम में लग जाता है, जिसकी वजह से आलस आता है। यदि कोई व्यक्ति चिल-चिलाती धूप में थोड़ी देर खड़ा रहे तो उसके शरीर से सारे आवश्यक पदार्थ पसीने के रूप में बाहर निकल जाएंगे और वह व्यक्ति बेहोश होकर गिर जाएगा। did you know science facts
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2 मजेदार रोचक तथ्य:- यदि बंद कमरे में फ्रिज को चालू करके फ्रिज का दरवाजा खोल दिया जाए तो क्या कमरा गर्म होता है?
यदि बंद कमरे में फ्रिज को चालू करके फ्रिज का दरवाजा खोल दिया जाए तो क्या कमरा गर्म होता है? |
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वास्तव में बंद कमरे में चालू फ्रिज का दरवाजा खोलने से ताप में कोई विशेष अन्तर नहीं आता। इसका कारण बहुत ही साधारण है। फ्रिज के पिछले भाग में एक जालीनुमा यंत्र लगा होता है जो ऊष्मा विकिरण का कार्य करता है। फ्रिज के खुले दरवाजे से जहां से हमें ठंडक मिलती है। did you know science facts
फ्रिज के पिछले भाग से ऊष्मा भी उसी अनुपात में उत्सर्जित होती रहती है। जब फ्रिज अपने खुले दरवाजे से कमरे से ठंडक लेता है तो उसी अनुपात में फ्रिज का पिछला भाग ऊष्मा कमरे में छोड़ता है। यहां पर ऊष्मा का वही सिद्धांत लागू होता है जिसके अनुसार किसी वस्तु के द्वारा अवशोषित ऊष्मा की मात्रा के बराबर होता है। अतः कमरा गर्म नहीं होगा बल्कि उसका ताप एक सा बना रहता है। did you know science facts
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3 मजेदार रोचक तथ्य:- मकड़ी जाला कैसे बनाती है और इस हेतु धागा कहां से प्राप्त करती है?
मकड़ी जाला कैसे बनाती है और इस हेतु धागा कहां से प्राप्त करती है? |
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मकड़ी अपना जाला बुनने के लिए एक प्रकार का रेशमी धागा अपने शरीर से निकालती है जिसे ‘ स्पाइडर सिल्क ‘ कहते हैं। यह रेशमी अदृश्य धागा प्रोटीन से बना होता है और इसका निर्माण मकड़ी की रेशम ग्रथियों में होता है। मकड़ी वर्ग में सात प्रकार की रेशम ग्रंथियां होती हैं। सभी मकड़ियों में कम-से-कम तीन प्रकार की ग्रंथियां तो होती हैं।
प्रत्येक प्रकार की ग्रंथि में अलग – अलग प्रकार का रेशम होता है। कुछ गथियों से तरल रेशम निकलता है जो मकड़ी के शरीर से बाहर आने पर सूख जाता है और कुछ में चिपचिपा रेशम बनता है जो चिपचिपा ही बना रहता है। ‘ स्पाइडर रेशम ‘ पानी में नहीं घुलता और ज्ञात प्राकृतिक रेशों में यह सर्वाधिक मजबूत रेशा है।
मकड़ी के शरीर के अन्दर स्पिनरेट पाई जाती है, जो रेशम ही बुनते हैं, हाथ की अंगुलियों की भांति कार्य करते हैं। मकड़ी एक स्पिनरेट को अन्दर बाहर खींच सकती है। यहां तक कि सभी स्पिनरेटों को एक साथ बाहर ठेल भी सकती है। अलग – अलग स्पिनरेटो की सहायता से मकड़ी विभिन्न रेशम ग्रंथियों से निकले रेशम को मिलाकर एक बहुत पतला, मोटा या तो चौड़ी पट्टी वाला रेशम बना सकती है।
कुछ मकड़ियां तो ऐसा चिपचिपा रेशा बनाती हैं जो मोतियों की माला जैसा लगता है। कुछ जाति की मकड़ियों में रेशम बुनने के लिए विशेष प्रकार का अंग होता है जिसे ‘ क्राइजेलम ‘ कहते हैं। यह एक अण्डाकार चपटी प्लेट होती है जो स्पिनरेटों के ऊपर लगी होती है। इस प्लेट पर सैंकड़ों स्पिनिंग ट्यूबें लगी होती हैं जो चिपचिपे रेशम का अत्याधिक बारीक रेशा बनाती हैं।
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4 मजेदार रोचक तथ्य:- साईकिल का ट्यूब फट जाने के तुरन्त बाद स्पर्श करने पर शीतल क्यों लगती है?
साईकिल का ट्यूब फट जाने के तुरन्त बाद स्पर्श करने पर शीतल क्यों लगती है? |
साइकिल ट्यूब में अधिक दाब पर हवा भरी होती है। जब ट्यूब की हवा का उद्घोष्म प्रसार होता है तो हवा द्वारा कार्य किया जाता है जिससे उसकी आन्तरिक ऊर्जा घटती है तथा हवा का ताप कम हो जाता है। अतः ट्यूब के फटने के तुरन्त बाद उसे छूने पर वह ठण्डी लगती है। did you know science facts
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5 मजेदार रोचक तथ्य:- चन्द्रमा घटता, बढ़ता है तथा किसी दिन छिप भी जाता है, ऐसा क्यों?
चन्द्रमा घटता, बढ़ता है तथा किसी दिन छिप भी जाता है, ऐसा क्यों? |
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वास्तव में चन्द्रमा घटता, बढ़ता या छिपता नहीं है। इसे केवल पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है। चन्द्रमा स्वयं प्रकाशमान उपग्रह नहीं है परन्तु सूर्य से प्रकाशित होकर यह उस प्रकाश को पृथ्वी पर परावर्तित करता है। सूर्य, चन्द्रमा व पृथ्वी की परस्पर बदलती हुई स्थिति के कारण प्रकाशित चन्द्रमा का कुछ भाग ही पृथ्वी पर परावर्तित हो पाता है। चन्द्रमा का घटना व बढ़ना भी इस कारण से ही हमें प्रतीत होता है। did you know science facts
जब चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है, जब हम प्रकाशित चन्द्रमा के पूरे भाग को एक साथ नहीं देख पाते। जब चन्द्रमा पृथ्वी व सूर्य के मध्य होता है, तब चन्द्रमा का प्रकाशित भाग पृथ्वी की दूसरी तरफ होता है। इस स्थिति में चन्द्रमा पृथ्वी से बिलकुल दिखाई नहीं देता। जिसे हम अमावस्या कहते हैं। जब धीरे – धीरे चन्द्रमा का प्रकाशित भाग दिखाई देना आरम्भ होता है और अमावस्या के 14 दिन के पश्चात् पृथ्वी, चन्द्रमा व सूर्य के मध्य में आ जाती है। तब हम चन्द्रमा के पूरे प्रकाशित भाग को देख सकते हैं। did you know science facts
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6 मजेदार रोचक तथ्य:- बन्दूक की गोली लक्ष्य से टकराने पर गर्म क्यों हो जाती है?
बन्दूक की गोली लक्ष्य से टकराने पर गर्म क्यों हो जाती है? |
बन्दूक की गोली जब लक्ष्य से टकराती है तो टकराने से पूर्व उसका वेग अधिक होने से उसमें अधिक गतिज ऊर्जा होती है किन्तु लक्ष्य से टकराते ही उसका वेग व गतिज ऊर्जा शून्य हो जाता है। इस कारण बन्दूक की गोली लक्ष्य से टकराने पर गर्म हो जाती है। did you know science facts
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7 मजेदार रोचक तथ्य:- जो कम्बल हमें जाड़ों में गर्म रखता है, वही बर्फ को पिघलने से भी बचाता है, ऐसा क्यों?
जो कम्बल हमें जाड़ों में गर्म रखता है, वही बर्फ को पिघलने से भी बचाता है, ऐसा क्यों? |
कम्बल ऊन का बना होता है। इसके रेशों के बीच वायु भरी होती है। वायु उष्मा की कुचालक होती है जिससे हमारे शरीर की ऊष्मा बाहर नहीं निकलने पाती है और कंबल हमें गर्म रखता है। कंबल के रेशों के बीच की वायु कुचालक होने के कारण वायुमण्डलीय ऊष्मा को अन्दर नहीं जाने देती है और बर्फ को पिघलने से बचाती है।
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8 मजेदार रोचक तथ्य:- जब हम अपने हाथों को आपस में रगड़ते हैं तो गर्म हो जाते हैं परन्तु केवल एक अधिकतम ताप तक क्यों?
जब हम अपने हाथों को आपस में रगड़ते हैं तो गर्म हो जाते हैं परन्तु केवल एक अधिकतम ताप तक क्यों? |
जब हम अपने हाथों को आपस में रगड़ते हैं तो रगड़ने में किया गया कार्य ऊष्मा में बदलता है परन्तु कुछ देर बाद जब हाथों का ताप एक निश्चित ताप के बराबर हो जाता है तो जितनी ऊष्मा हाथों को रगड़ने से मिलती है, उतनी ही ऊष्मा बाहर वायुमण्डल में चली जाती है इसीलिए ताप और अधिक नहीं बढ़ पाता है।
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9 मजेदार रोचक तथ्य:- तलघर में दिन के समय ठण्डा और अच्छा लगता है जबकि रात के समय बेचैनी होने लगती है ऐसा क्यों?
तलघर में दिन के समय ठण्डा और अच्छा लगता है जबकि रात के समय बेचैनी होने लगती है ऐसा क्यों? |
चूंकि तलघर में सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पाती हैं। इसीलिए दिन के समय तलघर अधिक गर्म नहीं हो पाता, जिससे दिन में गर्मी नहीं लगती। रात्रि के समय पृथ्वी की उष्णता तलघर के वायुमंडल को अधिक समय तक उतना ही गर्म बनाए रखती है इसीलिए रात्रि को बाहर की अपेक्षा तलघर में बैचेनी महसूस होती है।
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10 मजेदार रोचक तथ्य:- क्या कारण है कि गर्मियों में कुआँ का पानी ठण्डा तथा सर्दियों में गरम रहता है ऐसा क्यों? | Amazing Facts in Hindi about science
क्या कारण है कि गर्मियों में कुओं का पानी ठण्डा तथा सर्दियों में गरम रहता है ऐसा क्यों? |
पृथ्वी ऊष्मा की कुचालक होती है। इसीलिए गर्मियों में वायुमंडलीय ऊष्मा पृथ्वी के अन्दर नहीं जा पाती और पृथ्वी अन्दर से ठण्डी बनी रहती है। जिससे कुएं का पानी ठण्डा रहता है। इसी प्रकार ठण्ड के मौसम में पृथ्वी की ऊष्मा बाहर नहीं आ पाती है और अन्दर की मिट्टी गर्म बनी रहती है। जिससे कुओं का पानी गर्म बना रहता है।
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