Random facts about the human body | रैंडम फैक्ट्स अबाउट थे ह्यूमन बॉडी

Random facts about the human body | रैंडम फैक्ट्स अबाउट थे ह्यूमन बॉडी
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Best Random facts about the human body | रैंडम फैक्ट्स अबाउट थे ह्यूमन बॉडी

Random facts about the human body

चमगादड़ को रात में कैसे दिखाई देता है ? रैंडम फैक्ट्स अबाउट थे ह्यूमन बॉडी

जब चमगादड़ उड़ता है तब वह अपने मुख से उच्च आवृत्ति की ध्वनि निकालता है। ये पराश्रव्य तरंगें कहलाती हैं और लगभग सीधी रेखाओं में चलती हैं। चमगादड़ के मुख से निकली हुई ये तरंग जब वस्तुओं से टकराती हैं तब परावर्तित होकर चमगादड़ के कानों तक पहुंचती है। चमगादड़ के कान इन ध्वनि तरंगों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। उनकी सहायता से उन्हें पता चल जाता है कि कौन – सी वस्तु कहाँ स्थित है और उड़ते समय वे उनसे बचकर रहते हैं।

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आंख में आंसू कहां से आते हैं ? या प्याज को जब काटते हैं तब आंखों में आंसू क्यों आते हैं ?

वास्तव में हमारी आंखों में हमेशा ही आंसू निकलते रहते हैं, लेकिन इतने धीरे – धीरे कि हमें पता ही नहीं चलता। जानते हो हमारी आंखों में अन्दर – ही – अन्दर लगभग 10 किलोमीटर आंसू बह जाते हैं हमारी आंख के बाहरी कोने में ऊपर की ओर आंसू बनाने वाली ग्रंथियां होती हैं। random facts about the human body

इनसे निकले आंसू नलियों द्वारा ऊपरी पलक के नीचे पहुंचकर वहां जमा होते हैं। जब हम पलक झपकाते हैं, तो ये आंसू पूरी आंख में फैल जाते हैं। आंसू हमारे दृश्य पटल ( कोर्निया, जिससे हम देखते है ) को गीला और साफ करते हैं। बाद में ये आंख में ऊपरी और निचली पलक के जोड़ के पास बनी एक नली से होते हुए नाक में बह जाते हैं।

आमतौर पर हमारी आंखों की निचली पलक का सिरा चिकना होता है, इसलिए आंसू बहकर आंख से बाहर नहीं निकलते। यह तो हुई सामान्य अवस्था की बात। पर जब किसी कारणवश ग्रंथियों पर दबाव बढ़ जाता है, तो ये आंसू जल्दी – जल्दी निकलते हैं और बाहर बहने लगते हैं। प्याज में एक ऐसा तरल पदार्थ होता है जिसमें गंधक की मात्रा बहुत अधिक होती है।

यह तरल पदार्थ हवा के सम्पर्क में आते ही गैस में बदल जाता है। जब गैस के रूप में यह हमारी आंखों तक पहुंचता है तो आंखों में जलन होने लगती है। इस जलन को कम करने के लिए ही आंसू बनाने वाली ग्रंथियां आंसू बनाने लगती हैं। इससे प्याज की गैस की सान्दता कम हो जाती है और आंखों को राहत मिलती है। रैंडम फैक्ट्स अबाउट थे ह्यूमन बॉडी

आंसू हमारे दृश्य पटल को गीला और साफ रखने के साथ – साथ और भी कई काम आते हैं। ये हमारे दृश्य पटल और ऊपरी पलक के बीच के घर्षण को कम करके दृश्य पटल को चोट से बचाते हैं। दृश्य पटल पर फैलकर यह उसकी सतह को भी एक – सा बनाते हैं। इस तरह की एक – सी सपाट सतह अच्छी दृष्टि के लिए जरूरी होती है। जब हम आखें बन्द करते हैं तो यह पलकों के जोड़ को मजबूती से बंद रखने में भी मदद करते हैं। ये दृश्य पटल को ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व भी पहुंचाते हैं। random facts about the human body

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अंधेरे में रंग दिखाई नहीं देते, क्यों ? रैंडम फैक्ट्स अबाउट थे ह्यूमन बॉडी

आपने देखा होगा कि अंधेरा होने पर रंगीन वस्तुएँ हमें दिखाई नहीं देती हैं। यही नहीं रंगविहीन वस्तुएं भी हमारी नजरों से ओझल हो जाती हैं। इसका कारण है देखने के काम में आंखों में स्थित रेटिना की कोशिकाएं मुख्य भूमिका निभाती हैं। रेटिना आंखों के सबसे अंदर की परत होती है। जिसमें शंकु या शलाका यानी रॉड के आकार की कोशिकाएं होती हैं।

शंकु आकार वाली कोशिकाओं के कारण ही हम दिन में और तेज प्रकाश में देख सकते हैं और रंगों को सरलता से पहचान जाते हैं। लेकिन कम रोशनी होने पर शलाका कोशिकाओं की सहायता ली जाती है। शलाका कोशिकाएं शंक कोशिकाओं की तुलना में अधिक संवेदनशील होती हैं। random facts about the human body

कम प्रकाश में ये देख तो सकती हैं पर रंगों का निर्धारण नहीं कर पाती हैं। दरअसल इसके द्वारा उत्पन्न प्रतिबिम्ब स्पष्ट नहीं होते है। प्रकाश से अंधेरे में जाने पर शलाका कोशिकाएं धीरे धीरे अपनी संवेदना बढ़ाती जाती हैं जिसके कारण अंधेरे में धुंधला – सा दिखाई देता है। random facts about the human body

लोहे की कील पानी में डूब जाती है परन्तु पारे में तैरती है ?

लोहे की कील पानी में डूब जाती है लेकिन पारे में वह तैरती रहती है। इसका कारण है कि पारे का आपेक्षित घनत्व 1656 होता है। और समान आयतन के पानी और पारे के उत्प्लावन बल या उत्क्षेप में भी 1 : 13 : 6 का अनुपात होता है। जब लोहे की कील को पारे में डाला जाता है तब उसके द्वारा हटाए गए पारे का उत्प्लावन बल उसके भार से अधिक होता है जबकि पानी में रहने पर उत्प्लावन बल उसके भार से कम होता है इस कारण पानी में कील डूब जाती है।

हमें नींद कैसे आती है ? random facts about the human body

हमारे मस्तिष्क में एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है जिसे निदा केन्द्र कहते हैं। रक्त में घुला हुआ कैल्शियम की एक निश्चित मात्रा रक्त द्वारा निद्रा केन्द्र तक पहुंचा दी जाती है, तो हमें नींद आ जाती है। random facts about the human body

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