Jadui kahaniya | जदुई हरे मटर की खेती | Jadui Matar
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जदुई हरे मटर की खेती – Jadui Matar ki jadue kahane
जादूई मटर की जादू की कहानी :- एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब किसान रहता था, जिसका नाम था राम। राम के पास एक छोटा सा ज़मीन था, जहां वो दिन रात मेहनत करता था। लेकिन उसकी फसल का उपज हमेशा कम होता था, और उसको अपने परिवार को खिलाने में मुश्किल होती थी।
एक दिन, जब वह गाँव के बाज़ार में घूम रहा था, तो उसने दो किसानों की बात सुनी। वो लोग एक अजीब सी बीज के बारे में बात कर रहे थे, जिसे “जादुई हरि मटर” कहते थे। कहा जाता था कि ये बीज से बहुत सारी जादूई हरी मटर उगते थे, जो कमाल के गुण रखते थे।
राम को बात सुन कर दिलचस्पी हुई, और वो उन किसानों के पास गया और उनसे जादूई बीज के बारे में पूछा। उनको बताया कि ये बीज बहुत ही अनमोल और दुर्लभ थे, और इन्हें पाने के लिए जादुई जंगल में जाना पड़ता था, जहां अनेक प्रकार के रूहानी जानवर रहते थे।
उम्मीद से भर कर, राम ने फैसला किया कि वो जादू बीज ढूंढने का साहस करेगा। वो जानता था कि ये सफर कुछ होगा, लेकिन वो अपने परिवार की किस्मत बदलना चाहता था। एक छोटा सा बस्ता और दिल में हौसला ले कर, वो घने जंगल में चला गया।
कुछ दिनों तक जंगल में इधर उधर घूमने के बाद, राम ने एक चमकते हुए तालाब को देखा। जब वो उसके पास गया, तो एक सुंदर परी पानी से निकली। उसने अपना परिचय दिया कि वो मीरा है, जादुई हरि मटर बीजो की रक्षक।
राम की मेहनत से प्रभावित होकर, मीरा ने उसकी मदद करने का निर्णय लिया। उसने उसको एक गुप्त बागीचे तक ले गया, जहां जादूई बीज उगते थे। अपने जादू से उसने उसको कुछ बीज दिया और उसे कैसे उगाना है ये बताया।
आभरि होकर, राम अपने गांव लौट आया और तुरत ही जदुई हरि मटर बीज अपनी जमीन में बो दिये। उसके बाल होने की हद नहीं थी जब उसने देखा कि कुछ ही दिनों में बीज लंबी और हरे भरे पौधे बन गए। उन पर उगने वाली मटर बहुत ही रंगीन और पन्ना जैसी चमक रखने वाली थी।
जब कटाई का समय आया, तो राम अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर पाया। जदुई हरी मटर सिर्फ बहुत सारी नहीं थी बल्की अश्चर्यजनक गुन भी रखति थी। जो भी इन्हें खाता था उसको नई शक्ति, स्वास्थ्य और खुशी मिलती थी।
राम की चमत्कारी फसल की खबर आस पास फेल हो गई। लॉग डोर डोर से उसके खेत देखने आते थे और जादूई हरी मटर के चमत्कार को अनुभव करते थे। पहले गरीब किसान अब गांव का समृद्ध और उम्मीद का प्रतीक बन गया।
राम ने अपनी फसल सबके साथ बांटी, ताकि कोई भी भूखा न रहे। गांववाले उसकी मेहरबानी के लिए शुक्रिया अदा करते थे और उसका धन्यवाद करते थे। राम का परिवार, जो इतने दिन तक कष्ट उठाय था, अब सुखी जिंदगी जी रहा था, जादूई हरी मटर फसल की वजह से।
जदुई हरि मटर की बात देश के राजा तक पहुंच गई। फसल के अद्भुत उपज और लोगों को मिली खुशी से प्रभावित होकर, राजा ने राम को एक श्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित किया। राजा ने राम से ये भी कहा कि वो अपनी खेती के तरीके गांववालों को सिखाए, ताकि वो भी अपनी जादूई फसल उगा सके।
उस दिन से ले कर, गांव में खुशहाली छा गई, और जादूई हरी मटर खेती एक जीवन शैली बन गई। राम का छोटा सा खेत एक बड़ा सा हरा भरा मैदान बन गया, जो खुशी और समृद्धि को देश भर में फेलाता रहा।
और इस तरह, एक दयालु परी और अपने अटूट हौसलों की मदद से, राम का सफर एक परेशान किसान से गांव के उद्धार तक एक दास्तां बन गया, जो अनेक पीढ़ियों को जादू और उम्मीद पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करता रहा।
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