Story For Grade 4
मनुष्य जीवन की ईश्वर प्राप्ति में बाध्यता की कहानी – Story For Grade 4
एक शिष्य ने अपने गुरु से पूछा, गुरु जी आप कहते हैं कि मनुष्य होने की कई बाध्यताएं हैं और यही बाध्यताएं हममें से अधिकांश के प्रभु प्राप्ति के मार्ग में बाधक है। जितना इस बारे में सोचता हूं मेरी बुद्धि उतनी ही परेशान कर डालती है। तब गुरु जी ने कहा, वत्स चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। Story For Grade 4
शीघ्र ही तुम्हारी शंका का समाधान हो जाएगा। कुछ दिन बाद गुरु जी अपने शिष्य के साथ एक जंगल से गुजर रहे थे। जंगल में उन्होंने देखा कि एक झील में प्रवासी पक्षियों के झुंड किरणा कर रहे हैं। बड़ा ही मनमोहक दृश्य था। सभी उस दृश्य को निहार उसका आनंद ले रहे थे। Story For Grade 4
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शिष्य अचानक बोल उठा गुरु जी क्या सुंदर दृश्य है यह पक्षी हजारों लाखों मील का सफर तय कर यहां आए हैं। यह किरणा कर रहे हैं आनंदित हो रहे हैं। तब गुरु जी ने कहा याद है तुमने अभी कुछ समय पूर्व एक प्रश्न पूछा था। मनुष्य जीवन की बाध्यता है कि हमने अपने आप को बांध रखा है।
हम मुक्त नहीं है। इन पक्षियों को देखो जीवन इन्हें जहां ले जाता है यह जाते हैं। जीवन की पुकार सुनते हैं। चल पड़ते हैं मगर मनुष्य अपने को मुक्त नहीं कर पाया है। हमने अपने आप को कई तरह के बंधनों में बांध रखा है।
हममें से कोई हिंदू है, कोई ईसाई है कहीं हम भारतीय हैं, कहीं चीनी है कहीं अमेरिकी कहीं हम काले हैं, कहीं हम गोरे हैं। मनुष्य ने अपने आप को रंगो, जातियों, भाषाओं संस्कृतियों, धर्मो भी ना जाने कितने – कितने बंधनों में बांध रखा है। हम लाख चाहे कितनी भी कोशिश कर ले। हम सब इस से बच नहीं सकते।
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मनुष्य होने की यही बाध्यता हमारे प्रभु मार्ग में बाधक है यही बंधन हमें मुक्त नहीं होने देता। अगर हम इन बंधनों को तोड़ सके तभी हम अपना दीपक स्वयं बन सकते हैं। सत्य जान सकते हैं।
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